Vlastník | dave13 | |
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Vloženo | 7.8.2009 | |
Aktualizováno | 7.4.2010 | |
Zobrazeno | 4 705x |
HODNOCENÍ PROFILU OD 6 UŽIVATELŮ
Vlastník | dave13 | |
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A já si myslel,že sem jedinej kdo má 530 na zlatejch kolech je to nádhera!!
Krasavice na těch kolech. Chce taky na ně přejít. Jaký máš rozměr ráfků a gum ???
nádhera
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' (२१ फरवरी १८९९ - १५ अक्तूबर १९६१) हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। अपने समकालीन अन्य कवियों से अलग उन्होंने कविता में कल्पना का सहारा बहुत कम लिया है और यथार्थ को प्रमुखता से चित्रित किया है। वे हिन्दी में मुक्तछंद के प्रवर्तक भी माने जाते हैं। हिन्दी साहित्य के सर्वाधिक चर्चित साहित्यकारों मे से एक सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' का जन्म बंगाल की रियासत महिषादल (जिला मेदिनीपुर) में माघ शुक्ल एकादशी संवत १९५५ तदनुसार २१ फरवरी सन १८९९ में हुआ था। उनकी कहानी संग्रह लिली में उनकी जन्मतिथि २१ फरवरी १८९९ अंकित की गई है। उनका जन्म रविवार को हुआ था इसलिए सुर्जकुमार कहलाए। उनके पिता पंण्डित रामसहाय तिवारी उन्नाव (बैसवाड़ा) के रहने वाले थे और महिषादल में सिपाही की नौकरी करते थे। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के उन्नाव
Kunda jaxvině
na šestkovej model sou tyhle gumy na nic tomu by víc slušeli špunty ale hezhá za 10
vypada paradne, tak at slouzi
Parádní ...
radsi Enduro..ale kua je moooc pekna tak at drziiii
No ty vole, to je pecka A ty kola sou taky bomba